प्रेमी के बराबर त्याग किसका ? प्रेमी के बराबर तप किसका ?
प्रेमी हर समय पंचाग्नि मे तापता है ...... प्रेमी हर दिन काँटों की सेज पर सोता है कटिले मार्ग में चलता है।
प्रेमी का प्रत्येक पल परीक्षा चलती रहती है ........ प्रेमी अपनें ही सिर को काटकर गेंद बनाकर उससे खेलता है .......।
प्रेमी की गति प्रेमी ही जानता या जिसने कभी प्रेम किया हो