आज बने सखि नंदकुमार।
वाम भाग वृषभान नंदिनी ललितादिक गावे सिंहद्वार।।
कंचन थार लियेजु कमल कर मुक्ता फल फूलन के हार।
रोरी को सिर तिलक विराजत करत आरती हरस अपार।।
यह जोरी अविचल श्रीवृन्दावन असीस देत सकल व्रजनार।
मानसिक रूप लीला चिंतन दिवस 2 मे युगल की सखी 🌹युगल सखी-दिवस 2 🌹 “आँखिनि मैं बसै, जिय मैं बसै, हिय मैं बसत निसि दिवस प्यारौ। तन मैं बसै, म...