अकथ बृज भाव
Wednesday, February 21, 2024
आज बने सखि नंद कुमार.. ,, "
आज बने सखि नंदकुमार।
वाम भाग वृषभान नंदिनी ललितादिक गावे सिंहद्वार।।
कंचन थार लियेजु कमल कर मुक्ता फल फूलन के हार।
रोरी को सिर तिलक विराजत करत आरती हरस अपार।।
यह जोरी अविचल श्रीवृन्दावन असीस देत सकल व्रजनार।
कुँजमहल में राजत दोऊ परमानन्द दास बलिहार।।
Newer Post
Older Post
Home
सखि नामावली
बृज 84 कोश यात्रा दिवस 27
"आज के विचार" *बृज चौरासी यात्रा* *भाग - 27* 🙏🆚🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *(जब कृष्ण ने "रामलीला" देखी...)* *प्रिय ! जय जय सुर ...
कुंज की अक्ष क्रीड़ा लीला भाव 9
अक्षक्रीड़ा लीला श्रीप्रिया - प्रियतम कटहल - वृक्ष से बने हुए अत्यन्त सुन्दर निकुञ्ज में विराजमान हैं। चार अत्यन्त सुन्दर कटहल के वृक्ष आठ -...
श्री हित चतुरासी चर्चा दिवस 2
श्रीहित चौरासी का ये पद स्मरण आया ......... ( जै श्री) हित हरिवंश प्रसंसित श्यामा , कीरति विसद घनी । गावत श्रवननि सुनत सुखाकर , विस्व दुरित...