Saturday, May 21, 2022

सत्य कथा बृज भाव

*🙏मेरे ठाकुरजी*🙏

*वडोदरा के पास एक गांव, गांव में कृष्ण भगवान के परम भक्त ऐसे मनसुख मास्टरजी स्कूल में बच्चों को बहुत अच्छे से पढ़ाते*
 *अच्छी शिक्षा के साथ साथ बच्चों में अच्छे संस्कार देते ।*
 *प्रभु का हर पल चिंतन करते रहते ।*

*मनसुख मास्टरजी हर पूनम को डाकोर ठाकुरजी के दर्शन के लिए जाते । स्कूल में उन्होंने बच्चों को इतना होशियार बना दिया था कि जिस दिन मास्टरजी ठाकुरजी के दर्शन के लिए जाते उस दिन कोई एक बच्चा स्कूल के सभी विद्यार्थियों को बहुत अच्छी तरह से पढाता ।*

 *इस प्रकार अच्छी तरह से स्कूल की नौकरी और ठाकुर जी की भक्ति से मनसुख मास्टरजी का जीवन चल रहा था ।*

*गांव के कुछ ईर्ष्यालु लोगों ने वडोदरा के शिक्षणाधिकारी से मनसुख मास्टरजी की शिकायत की कि हमारे गांव के मास्टरजी बच्चों को पढ़ाने के बदले डाकोरजी ठाकुर दर्शन के लिए चले जाते हैं जिससे बच्चों की पढ़ाई खराब होती है ।*

*दो बार जांच करने के लिए शिक्षणाधिकारी की आफिस से कुछ साहब आए पर उस दिन पूनम न होने के कारण मनसुख मास्टरजी स्कूल में हाजिर थे और स्कूल की प्रार्थना और बच्चों की पढ़ाई और संस्कार देखकर जांच अधिकारी बहुत खुश हुए और ईनाम के रूप में पगार बढ़ाते गये ।*

*गांव के लोगों को जब इस बात का पता चला तो सभी ने निश्चय किया फिर से शिकायत की जाय इस बार स्पष्ट शब्दों में पूनम के दिन जांच की जाए ऐसा लिखा गया जिससे मास्टरजी हाथों-हाथ पकड़े जाय और इस बार शिक्षणाधिकारी स्वयं जांच के लिए आए इस पर जोर दिया गया ।*

*पूनम के दिन सुबह की पहली ट्रेन में मास्टरजी डाकोरजी ठाकुर दर्शन के लिए निकले गये ।*
 *दूसरी ओर ठीक 11 बजे स्कूल में जांच के लिए शिक्षणाधिकारी साहब गांव में आए । गांव के लोगों ने शिक्षणाधिकारी साहब का स्वागत किया ।*
 *मास्टरजी की पत्नी को जब इस बात का पता चला गांव में जांच के लिए साहब आएं हैं और मास्टरजी ठाकुर दर्शन के लिए गए हैं । तुरंत वह दौड़ती दौड़ती घर में गयी ठाकुर जी की मूर्ति के समक्ष घी का दीपक जलाया और और ठाकुर जी से कहने लगी 🙏हे रणछोड़ राय मेरे पति की नौकरी चली जाए उसकी मुझे कोई चिंता नहीं पर कल सुबह जब यह बात सभी को पता चलेगी तो आप पर कौन भरोसा करेगा ।*
 *🙏हे ठाकुरजी हमारी लाज रखना । दूसरे ही क्षण डाकोर के ठाकुरजी की मूर्ति में से साक्षात ठाकुरजी अपने भक्त की लाज रखने के लिए मनसुख मास्टरजी का रूप धारण कर गांव के स्कूल में बच्चों को पढ़ाने लग गये ।* *🙏जैसे ही गांव के लोग और शिक्षणाधिकारी जांच करने के लिए आए उन्होंने देखा मास्टरजी आंखें बंद करके कृष्ण की प्रार्थना गा रहे हैं और बच्चे उतनी ही सुंदरता से उनके पीछे पीछे गा रहे हैं ।*
 *🙏प्रार्थना पूरी होने के बाद मास्टरजी के रूप में आए भगवान ने कहा - साहब मुझे पहले खबर कर दी होती तो आप सभी के स्वागत की अच्छे से तैयारी करता ।* *शिक्षणाधिकारी ने बच्चों से प्रश्न पूछे होशियार बच्चों ने सभी प्रश्नों का विस्तार से अच्छे जवाब दिए । बच्चों की शिक्षा और संस्कार देखकर शिक्षणाधिकारी साहब बहुत खुश हुए ।*
 *शिक्षणाधिकारी साहब ने इनाम के रूप में पगार में बढ़ोतरी और एक इन्क्रीमेंट देने की घोषणा की । गांव के लोग अंदर ही अंदर जल कर राख हो गये ।*

*🙏सही घटना तो अब घटती है, शिक्षणाधिकारी खुश होकर वडोदरा जाने के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचते हैं अचानक सामने से डाकोर जी से ठाकुरजी का दर्शन करके मनसुख मास्टरजी ट्रेन से उतरे, मनसुख मास्टरजी को देख शिक्षणाधिकारी चोंक गये ?* 

*मास्टरजी भी शिक्षणाधिकारी को देखकर घबरा गये, घबराते हुए कहने लगे साहब मुझे अगर पता होता कि आज आप आने वाले हैं तो मैं डाकोर जी ठाकुरजी के दर्शन के लिए नहीं जाता ।*

*शिक्षणाधिकारी साहब ने कहा मनसुखजी आप मजाक कर रहे हैं ? मैं आपके स्कूल में जांच करने गया आप खुद पूरे दिन हमारे साथ रहे ? ये सब क्या है ? मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है ?*

*🙏मनसुख मास्टरजी की आंखें भर आईं और रोते रोते कहने लगे साहब मैं समझ गया, 🙏मेरे भगवान ने मेरी लाज रखने के लिए, मेरी नौकरी बचाने के लिए मेरे डाकोर जी के ठाकुरजी कृष्ण भगवान को मास्टरजी बनकर नौकरी करनी पड़ी, वाह मेरे ठाकुरजी, भक्तों के लिए आप कितने रूप धारण करके उनका काम करते हैं ।* *शिक्षणाधिकारी और गांव के लोगों ने जब सारी वास्तविकता सुनी सभी की आंखों से आंसू निकल पड़े ।* *मनसुख मास्टरजी ने तुरन्त एक कागज निकाला और उस पर अपना राजीनामा लिखकर शिक्षणाधिकारी को देते हुए बोले मेरे बदले मेरे ठाकुरजी को नौकरी करनी पड़े ऐसी नौकरी मुझे नहीं करनी है ।*
*शिक्षणाधिकारी साहब ने और गांव के लोगों ने बहुत समझाया, गांव के लोग अपनी भूल पर पछताने लगे मास्टरजी से माफी मांगने लगे ।*
*मास्टरजी स्कूल में गये जिस कुर्सी पर मुरलीधर भगवान श्री कृष्ण मेरे ठाकुरजी बैठे थे उसकी चार परिक्रमा कर उसे प्रणाम कर चौंधार आंसुओं से रोने लगे, 🙏🙏हे मेरे नाथ अखिल ब्रह्माण्ड के मालिक आज आपको मेरे जैसे तुच्छ मानव के कारण मास्टर का रूप धारण कर नौकरी करनी पड़ी।* 
*🙏हे प्रभु आज़ आपने यह साबित कर दिया कि आप अपने भक्तों के लिए किसी भी हद तक जा सकते हो*
 *🙏वाह मेरे ठाकुरजी वाह*🙏

*🙏जय श्री कृष्ण की जय*🙏

यदि आपको हमारी यह लेख पसन्द आये तो कृपया हमारे youtube चेंनल को भी फॉलो करें बृज भाव  link :-  
https://youtube.com/channel/UCP_TufRY4UcjKg722crPLCA     
सब्सक्राइब एंड support our channal

Facebook पेज ✍️ श्रीजी मंजरीदास

Whatsapp ग्रुप स्व जुड़ने हेतु केवल व्हाट्सएप्प करे +91-9711592529 पर

सखि नामावली